उत्तर प्रदेश विधान सभा द्विसदनीय विधान मण्डल का निचला सदन है। इसमें 403 निर्वाचित सदस्य तथा राज्यपाल द्वारा मनोनीत एक आंग्ल भारतीय सदस्य होते हैं। उ०प्र० विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं।
वर्ष 1967 तक एक आंग्ल भारतीय सदस्य को सम्मिलित करते हुए विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 431 थी। वर्ष 1967 के पश्चात् विधान सभा की कुल सदस्य संख्या 426 हो गई। 9 नवम्बर, 2000 को उ०प्र० राज्य के पुनर्गठन एवं उत्तराखण्ड के गठन के पश्चात् विधान सभा की सदस्य संख्या 403 निर्वाचित एवं एक आंग्ल भारतीय समुदाय के मनोनीत सदस्य को सम्मिलित करते हुए कुल 404 हो गई है। विधान सभा का कार्यकाल कुल 5 वर्ष का होता है यदि वह इसके पूर्व विघटित न हो गई हो। प्रथम विधान सभा का गठन 8 मार्च, 1952 को हुआ था। तब से इसका गठन सत्रह बार हो चुका है। वर्तमान सत्रहवीं विधान सभा का गठन 14 मार्च, 2017 को हुआ।
गठन के उपरांत हुए प्रथम सत्र तथा प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरम्भ में राज्यपाल विधान मण्डल के एक साथ समवेत दोनों सदनों को सम्बोधित करते हैं। तदुपरांत आवश्यकतानुसार राज्यपाल पुनः विधान मण्डल को आहूत करते हैं।
अध्यक्ष
एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन मा0 सदस्य स्वयं में से करते हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के सदन (भवन) ऐतिहासिक नगरी लखनऊ में स्थित है।
माननीय श्री योगी आदित्य नाथ 19 मार्च, 2017 से प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं नेता, सदन हैं।
माननीय श्री हृदयनारायण दीक्षित 30 मार्च, 2017 से अध्यक्ष, विधान सभा हैं |
27 मार्च, 2017 से माननीय श्री राम गोविन्द चौधरी नेता, प्रतिपक्ष हैं।
This Site is designed and hosted by National Informatics Centre.Contents
are provided and updated by Vidhan Sabha Secretariat.
Best viewed with Internet Explorer 10.0.0 and Mozilla Firefox 17.0.0 and above 1024x768
resolution